प्रभु
कृपा-दृष्टि और वरद-हस्त हम पर रखें
गुरु महाराज
हमें सन्मार्ग पर, आगे बढ़ाते रहें
कृपा-दृष्टि की छांव तले
प्रसन्न-मन, सत्कर्म करते चलें
सन्मार्ग पर उत्साह संग
नित्य नए लक्ष्य धरें
शुभ-लाभ, सर्व-कल्याण हेतु, समयबद्ध पूरा करें
दैहिक- दैविक, पारिवारिक -सामाजिक
भौतिक -अध्यात्मिक जीवन में
सुधार, संवार, शृंगार भरें
पूजनीय – वंदनीय
पुण्य भू -धरा का कण-कण
दान -धर्म, पर्यटन-तीर्थाटन
परिवार संग
नमन -वंदन बारंबार करें।
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