महादेव

आदि अनंता अजन्मा
असुर दूषण हंता
प्राणवायु अधिष्ठाता
सकल सृष्टि सुहाता
राजाधिराजा महाराजा
भक्ति मुक्ति प्रदाता
विप्र हेतु स्वयंभू ज्योतिर्लिंगम
सर्वमंगलम सदावसंतम
कालों के काल महाकालेश्वर
नमामि नमामि ओम्कारेश्वर
पार्वती प्रिय, शिव शंकर भोले
गणपति, निरंजन जय जय बोले
नंदी सन्मुख सदा विराजे
भक्त सकल के काज संवारे
कष्ट निवारक, भक्त तारक
जय जय जय हे सुखदायक
नमो नमो जय नमः शिवाय
पंचामृत अभिषेक सुहाय
गौरी स्वामी अंतर्यामी
विनीत भाव समर्पयामि।।

 

~Vidhu Garg