उत्सवधर्मी भारतीय संस्कृति में दुर्गा पूजा से प्रारंभ उत्सव श्रंखला पर हार्दिक शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं….
“सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते”
अभिनंदन
सदियों से था, लुट रहा जन-धन
दबा-दबा, घुटा-घुटा तन-मन
नव-आशा, लालिमा भुवन भोर
खिलती, महकती कलियां चहुंओर
सोच से आगे, अपेक्षाएं जागतीं
नव-जागरण काल की, है जागृति
कर्तव्य-पथ पर, नित बढ़ते कदम
संतुष्टित, उल्लसित, हर्षित जन-मन
धन्य-धन्य गुनगुनाती रागिनी
मुस्काती, पुण्य भू-धरा धारिणी
जय हिंद, जय भारत, वंदे मातरम
अभिनंदन, अभिनंदन, अभिनंदन
~Vidhu Garg
Picture credit:Pinterest
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