“अमृत-महोत्सव”
बीसवीं सदी में, स्वाधीन
एकीकृत-संगठित-आधुनिक
भारतवर्ष का है, इस वर्ष
“अमृत महोत्सव”
घर-घर तिरंगा लहराएं
मंगलकामनाएं, शुभकामनाएं
हम सब मिल, अमृत महोत्सव मनाएं
प्रारंभ है, अमृत-काल का
जागरण है, नव-चेतना का
गौरव-गान है, भारतीय अस्मिता का
मंगल कामनाएं,शुभकामनाएं
आओ मिल-जुल अमृत महोत्सव मनाए
नव-पीढ़ी ,युवा-पीढ़ी संस्कार संग
वैश्विक, सामाजिक भाव संग
तिरंगे में समाए , इंद्रधनुषी रंग
मंगल कामनाएं, शुभकामनाएं
हम सब मिल यह महोत्सव मनाएं
आत्मविश्वासी हो रहा, हिंदुस्तान है
विश्व-पटल पर, बढ़ रहा राष्ट्र-मान है
“तिरंगा” जन-गण-मन की शान है
मंगलकामनाएं , शुभकामनाएं
हम सब मिलकर महोत्सव मनाएं
पुण्य भू-धरा को शीश नवाएं
राष्ट्रहित समर्पित कर्म में जुट जाएं
पूरी होती जा रहीं अपेक्षाएं
मंगलकामनाएं,शुभकामनाएं
घर-घर तिरंगा फहराएं
हम सब मिल, अमृत महोत्सव मनाएं!!
~विधु गर्ग
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