जोश

जोश

कभी-कभी
जोश
खुद में
भरने के लिए
दुस्साहस भी जरूरी है
पर
अमलीजामा पहनाने से
पहले
सौ बार
सोचना भी जरूरी है
और
जोखिम पे
निगाह मार
पार पाने की
कला आना भी जरूरी है
इस पर
भी
हो हासिल
कामयाबी
मंजूरी उसकी जरूरी है
फिर से
हिम्मते मर्दां
मददे खुदा
तकदीर
तरकीब, तदबीरी है।।

विधु गर्ग