करें माता सरस्वती की आराधना
गणपति-लक्ष्मी की हो स्वत: साधना
ज्ञान विज्ञान के दीप जलाएं
अज्ञान अंधियारे जग के मिटायें
सृजन रचना की कलास्वामिनी
झंकृत रागिनी जय वीणावादिनी
सुखकर, मनहर, नव-शोभा भर
छाये नव-ऊर्जा तीन लोक पर
नमन वंदन करूं हे मातु शारदे
सकल सिद्ध शुभ काज साध दे
वरद-हस्त शीश धरो हे ब्रह्मवादिनी
नतमस्तक गुण गाऊं हे हंसवाहिनी
हे वागेश्वरी श्वेतवर्णी शुभ्रवसना
जै जैकार करें हम मां पद्मासना
करें माता सरस्वती की आराधना
गणपति-लक्ष्मी की हो स्वत: साधना
माता सरस्वती की आराधना
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