लक्ष्य
उतार-चढ़ाव
संशय-कटाक्ष
संघर्ष में
उलझते-सुलझते
अटकी-भटकी
वात्सल्य-पगी
अपनी ही पीढ़ी को
अपनापन और जताके
नवोन्मेषी विचार
उत्साह-संचार
देसी-विदेसी
स्वतंत्र संस्थान गढ़के
रीति-नीति,अदल-बदल
आपस में भरोसा भर
आधुनिक युग में
विरासत का विज्ञान दर्शाके
सशक्त-दृढ़निश्चयी
त्यागी-आत्मविश्वासी
सक्षम पिता-सम शासक
लक्ष्य सदा साधते।।
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