ॐ श्री गणेशाय नमः
श्री बुद्धि प्रदाताय नमः
सिद्धिविनायक जग सुखदायक
गौरी-शंकर प्रिय गणनायक
रिद्धि-सिद्धि संग विराजो सदा
जय जय हे, दुख-क्लेश-विघ्नहर्ता
अंतर्यामी हे गणपति स्वामी
नतमस्तक भाव समर्पयामी
कृपा बरसावैं, चित्त हरषावैं
हरष-हरष,भक्त गुण गावैं
जय देव,जय देव,जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन:कामना पूर्ति
जय देव जय देव
जय देव जय देव।
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