राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन प्रोग्राम (NMPP)

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन प्रोग्राम (NMPP)

2021-22 के बजट में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने “ऐसेट मुद्रीकरण” (asset monetisation) का प्रावधान रखा था । ऐसेट मुद्रीकरण का अर्थ यह है कि सरकारी और सार्वजनिक प्राधिकरण के स्वामित्व वाली संपत्ति की इकाई को , सीमित अवधि के लिए पट्टे पर काम करने के लिए, निजी क्षेत्र को उपलब्ध करवाया जा सकता है। निजी क्षेत्र को इस पट्टे/लाइसेंस को लेने के लिए ,सरकार को ‘निश्चित समय के लिए निश्चित शुल्क’ देना होगा। इससे सरकार के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन प्रोग्राम एक बुनियादी ढांचा है , जिसके तहत विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत संपत्ति और संपत्ति वर्गों को सूचीबद्ध करना है , जिनका मुद्रीकरण समय के साथ किया जाना है। मंत्रालयों के परामर्श से, नीति आयोग द्वारा यह पाइपलाइन प्रोग्राम विकसित किया गया है ।

वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक के 4 वर्षों की अवधि में सरकारी और सार्वजनिक प्राधिकरण संपत्ति के माध्यम से लगभग 6,00,000 करोड रुपए के मुद्रीकरण की क्षमता का अनुमान, एनएमपीपी द्वारा लगाया गया है ।

इस मुद्रीकरण में पांच क्षेत्र बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं। सड़कें 27℅, रेलवे 25℅, ऊर्जा 15% , तेल और गैस पाइपलाइन 8% , दूरसंचार 6%। इस प्रकार लगभग 83% हिस्सा इन्हीं क्षेत्रों का बन जाता है।

23 अगस्त 2021 को वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार की ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन कार्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की। ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्ति से आशय है कि, सरकारी संपत्ति अथवा सार्वजनिक प्राधिकरणों का बुनियादी ढांचा तैयार है, लेकिन इनमें सुधार करने की तथा अनुकूलतम, प्रभावी उपयोग करने की, बहुत अधिक संभावना है । इसीलिए सरकार इन में विनिवेश के लिए, निवेशकों को आमंत्रित कर रही है। निजी निवेशक निश्चित समय के लिए , सरकार को निश्चित शुल्क अदा करते हुए , इन संपत्तियों में निवेश करके उपभोक्ता, समाज और देश के लिए बेहतर काम कर सकते हैं एवं अपनी व्यवसायिक कुशलता के कारण स्वयं भी लाभ अर्जित कर सकते हैं । इस एन एम पी पी के माध्यम से ,मध्यम अवधि के रोड मैप के रूप में पारदर्शिता का भी ध्यान रखा जाएगा।

ऐसा नहीं है कि मौद्रीकरण का यह कार्य ,देश में पहली बार हो रहा है। समय-समय पर विभिन्न सरकारें, विभिन्न स्तरों पर, बेहतर विकल्प के लिए भी मौद्रीकरण करती रही हैं तथा तुलनात्मक समीक्षा करते हुए अपने निर्णय लेती रही हैं।

स्वाभाविक रूप से सरकारी संपत्ति विनिवेश के लाभकारी परिणामों के आधार पर ही, इस सरकार ने एक समयबद्ध राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन प्रोग्राम की घोषणा की है।

हम सभी जानते हैं कि स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत की, आजादी की ठसक के साथ, सामान्यतया सरकारी-तंत्र कैसे काम करता है। इसीलिए कार्य और परिणाम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, समय-समय पर कई क्षेत्रों में निजी करण की मांग भी जोर पकड़ती रही है ।

विश्वस्त जानकारी के आधार पर एक उदाहरण के माध्यम से, इन संपत्तियों के विनिवेश का कारण स्पष्ट हो सकता है । पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में, ESCO प्रोजेक्ट के तहत, निजी कंपनी के द्वारा ,शहर की पानी वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाने का कार्य किया गया । जिसमें निजी कंपनी ने सारा खर्चा करके, उपलब्ध बुनियादी ढांचे को दुरुस्त किया, ऊर्जा की बचत की, शहर में 40% पानी वितरण के स्थान पर, लगभग 100% पानी वितरण का कार्य किया , स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया । इसमें सरकार को भी राजस्व प्राप्त हुआ, निजी कंपनी ने भी लाभ कमाया।

एक पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के उपरांत, इस तरह की योजना को कई अन्य स्थानों पर भी सफलतापूर्वक लागू किया गया।

इस उदाहरण से इतना तो स्पष्ट हो ही रहा है कि, सही तरीके और नियमों के माध्यम से किए गए विनिवेश से , सभी को लाभ होता है ।सरकार को खर्चा करने के स्थान पर राजस्व प्राप्त होता है । तकनीकी कुशलता बढ़ती है। समाज और उपभोक्ता को बेहतर सुविधा मिलती है। उद्यमियों में व्यवसायिक दक्षता बढ़ती है।

सड़कों में विनिवेश होगा तो नई-नई तकनीक के माध्यम से, वैश्विक स्तर की सड़के हमें अपने देश में मिलेंगीं। रेलवे के क्षेत्र में विनिवेश के माध्यम से, रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण होगा और रेलवे की अन्य समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा। इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों में भी वैश्विक स्तर की प्रणालियां लागू की जाएंगी । व्यावसायिक दक्षता के प्रमाण मिलेंगे।

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन प्रोग्राम के माध्यम से केंद्रीय सरकार 6,00,000 करोड रुपए 4 सालों में जुटाएगी । इन 6 लाख करोड़ रुपयों को इन 4 सालों में, अन्य बुनियादी सुविधाओं और जरूरतों पर खर्च किया जाएगा । इन अतिरिक्त 6,00,000 करोड रुपए के , संचरण(circulation) से अतिरिक्त रोजगार सृजन होगा , ढांचागत सुविधाओं में वृद्धि होगी, गरीब और पिछड़ों को राहत मिलेगी, अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।

राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन के संदर्भ में फैलाए जा रहे, भ्रम के प्रति हम सभी लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है । इसके अलावा मौद्रीकरण के द्वारा होने वाले विकास के प्रति भी , स्वयं को जागरूक रखने की आवश्यकता है।

विधु गर्ग