कोई

कोई

धमकी भरा
डर दिखा
डराता कोई

दूर खड़ा
आपस में लड़ा
मुस्काता कोई

समाधानों को
प्रश्नों में उलझा
भरमाता कोई

जानो, पहचानो उसे
शांत रह, धीरज धर
परख, समझ हो निरंतर

तो
मतलब न गांठ सके, कोई
खुद ही, मैदान छोड़ जाए कोई ।।

विधु गर्ग